Hindi Poery : वह फिर चला गया फेंककर उजाला अपना

beautiful clouds

वह फिर चला गया फेंक कर
सारा दिन उजाला अपना ,

मेरे खुद के अंधेरों ने उसे 

फिर से नजरअंदाज किया !

कुछ तो कह रहा था वह मुझे 

डूबते वक़्त भी धीमे धीमे ,

मेरे गुमान के शोर में कुछ

भी मगर मैं सुन न सका !!

– रंजन कुमार 

About The Author

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top