बरेली पहुंचे आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत रविवार 19 जनवरी को रुहेलखंड विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने विभिन्न जिलों से आये लोगों को संबोधित किया।
अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि हम नए भारत की कल्पना कर रहे हैं और भविष्कालीन भारत तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 1940 से पहले तक समाजवादी, कम्युनिस्ट और सभी राष्ट्रवादी थे और 1947 के बाद सब बिखर गए।
रूढ़ियों और कुरीतियों से मुक्त एकात्म निर्भय स्वाभिमानी भारत की कल्पना रवीन्द्र नाथ ठाकुर ने की थी।
गांधी जी ने भी सात पापों से मुक्त भारत की कल्पना की थी। संघ के भविष्य के भारत की कल्पना किसी से अलग नहीं है। सबके शब्द अलग हैं लेकिन भाव एक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 70 साल पहले तक सबकी सहमति थी लेकिन अब तक साकार क्यों नहीं हुई। इस्राइल समेत कई देश हमारे साथ चले, हमसे आगे निकल गए !
मुठ्ठी भर यहूदियों ने रेगिस्तान को नंदन वन बना दिया। हम बार-बार गुलाम होते रहे, इसलिए बार बार स्वतंत्र होते रहे। मुट्ठी भर लोग आते हैं और हमे गुलाम बनाते हैं। ये इसलिए कि हमारी कुछ कमियां है।
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि भारत की पहचान में बाधा न बनें। 130 करोड़ लोग हिन्दू है। हम किसी को बदलने की बात नहीं कर रहे हैं। पर भूत में जो लोग हिन्दू नहीं होना चाहते थे, वो लोग ही राष्ट्र से अलग हो गए। संघ मनुष्य निर्माण करता है।
संघ के लोग राजनीति से लेकर संस्कार तक हैं। संघ के पास कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है। संघ का कोई एजेंडा नहीं है। भारत तो संविधान से चलता है। हम संविधान का सम्मान करते हैं। वह सबकी सहमति है।
Picture Courtesy: Shri Mukesh Singh Raksel
Compiled and Edited By: Ranjan Kumar
( Editor-in-Chief: AR Web News Portal )