मुझको बहलाने में तुम खुद ही बिखर मत जाना

small boat sailing in the sea

मेरे हालात सुलझाने में
मुसीबत में घिर मत जाना ! 
मुझको बहलाने में तुम 
खुद ही बिखर मत जाना !!

गर्दिशों के दिन हैं मेरे 

तकाजा है वक़्त का सुन लो ,
गुस्ताखिओं पे गैरों सा 
तुम भी बिफर मत जाना !!

टकराता है नरम दिल 

सख्त दुनिया की चट्टानों से ,
इसकी होती है क्या गत 
देख , तुम डर मत जाना !!

जीना भी न कम मुसीबत

से जमावड़ा बेईमानो का ,
खींचने आयेंगे तुम्हें , ऐसी 
किश्ती में उतर मत जाना !! 

– रंजन कुमार

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