बेचारे रूठे बादल
आये भी तो साजिशन ,
.
मनहूस आँधियो ने
उन्हें भगा दिया !
.
एक दो बूंद
बरस भी जाते ,
तो हवाओं तेरा
क्या बिगड़ जाता ?
.
क्या पता ,
किसी बिरहन के
लिए कोई सन्देश हो ?
.
किसी प्रेम पिपासु
के लिए प्रेमिका का
आमन्त्रण हो इन बादलों मे ..
.
निष्ठुर आंधियों कभी
प्रेम भी किया है ?
.
तुमने किसी से या
सब उड़ा देंना ही
केवल जाना आजतक ??
.
#मेघदूतम #कालीदास
पढ़ते हुए के ख्याल ,
आंधियों और बारिशो पर !!
– रंजन कुमार
आये भी तो साजिशन ,
.
मनहूस आँधियो ने
उन्हें भगा दिया !
.
एक दो बूंद
बरस भी जाते ,
तो हवाओं तेरा
क्या बिगड़ जाता ?
.
क्या पता ,
किसी बिरहन के
लिए कोई सन्देश हो ?
.
किसी प्रेम पिपासु
के लिए प्रेमिका का
आमन्त्रण हो इन बादलों मे ..
.
निष्ठुर आंधियों कभी
प्रेम भी किया है ?
.
तुमने किसी से या
सब उड़ा देंना ही
केवल जाना आजतक ??
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#मेघदूतम #कालीदास
पढ़ते हुए के ख्याल ,
आंधियों और बारिशो पर !!
– रंजन कुमार