चुने हुए प्यारे जनसेवक जी,
आप हर महीने में मन की बात करते हैं,कभी दूसरों के मन की बात भी सुन लीजिए सर! ये देश के 130 करोड़ लोग कुछ कहना चाहते हैं आपसे !मुझे कुछ कहने का मन किया,इसलिए कह रहा हूँ,अपने मन की बात आपसे…कभी अगर थोड़ी सी भी फुर्सत मिले तो सुन लीजिएगा सर..!
मुद्दों को भटकाने के लिए टीवी और टीआरपी के खेल खेलकर जितने भी षडयंत्र कर सकते है कर लीजिए,पर देश को जवाब देना ही होगा एकदिन कि उन समस्याओं के हल के लिए क्या किया आपकी सरकार ने जिसके लिए हमने आपको चुना था…!
छवि चमकाने में केवल माहिर हैं आप अपनी,लेकिन याद रखिये,मदारी के खेल पर जनता कुछ घण्टे ही ताली बजाती है,24 घण्टे मदारी का खेल नहीं देखा जा सकता,और आपके मदारी के खेल से लोग कितने ऊब चुके हैं इसका इल्म नही है आपको,क्योंकि 70 सालों में सर्वश्रेष्ठ की आत्म मुग्धता के अंधियारे में से आप गुजर रहे हैं!
सच ये है हर मोर्चे पर आप निकृष्टतम की ओर जा रहे हैं ..!
खैर,ये अंधे भक्त आपके आपकी आँखो की पट्टी उतरने नही देंगे और जब आंख खुलेगी तब पता लगेगा,,आप अब कुछ और कर नही सकते,,वक्त हाथों से निकल चुका है !
रंजन कुमार