आईएमए ने रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है…जिस तरह कोरोना वारियर्स एलोपैथी डॉक्टरों के खिलाफ रामदेव ने अभद्र टिप्पणी करी है इसकी वाजिब सजा रामदेव को जरूर मिलनी चाहिए…
लगता है रामदेव अपना वह नपुंसको जैसा कृत्य भूल गए हैं जब दिल्ली के रामलीला मैदान से क्रांति करते करते पुलिस के डंडे के खौफ से सलवार समीज के पहनावे में महिलाओं को आंदोलन स्थल पर छोड़कर खुद भाग खड़े हुए थे..
प्रोपेगैंडा जीवी बड़बोले रामदेव पर अभद्र टिप्पणी के लिए आईएमए की मांग पर सरकार कार्यवाई करे..!
खुद जब बीमार होता है तो आयुर्वेद छोड़ एम्स में भर्ती होता है शेष समय एलोपैथ को गालियां देता रहता है पाखंडी कहीं के..!
सारी चिकित्सा पद्धतियां अपने आप मे महत्वपूर्ण हैं और एक दूसरे की पूरक हैं और यह लोगो की जरूरतें तय करती है कि वो किस चिकित्सा पद्धति से अपना इलाज कराएं!
फिलहाल बौराए रामदेव का इलाज जरूरी है!रामदेव को बाबा और स्वामी इन दोनों शब्दो से अलंकृत कर न पुकारें न ये बाबा है न स्वामी…ये अपने आप मे एक बहुत बड़ा पाखंडी और विरोधाभासी व्यक्तित्व है..!
रंजन कुमार