आज सुप्रीम कोर्ट ने भी हैरानी जताई कैसे ऐसे गैंगस्टर की जमानत हुयी थी ..?? मैंने यही प्रश्न 4 जुलाई को रखा था.. फेसबुक के माध्यम से.. अब सारे दस्तावेज उसकी जमानत से जुड़े सुप्रीम कोर्ट ने भी तलब किया है..
विकास दूबे जैसे दुर्दांत अपराधी को जमानत भी किसी मी लार्ड ने ही दी होगी, हर रोज कितनों को ही देते होंगे देश भर में ..! न्यायपालिका भी जिम्मेदार है ऐसी घटनाओं के लिए और उनकी भी एकाउंटेबिलिटी फिक्स हो…
जमानत पर छोड़ा गया अपराधी कोई वारदात नहीं करेगा इसकी एकाउंटेबिलिटी न्यायपालिका की होनी चाहिए, और हत्या के आरोपियों को जमानत देने वाले मी लोर्डों पर कार्यवाई सुनिश्चित होजब कोई जमानती वारदात कर दे..!
मी लोर्डों को यह बताना भी चाहिए जमानत देते वक्त कि किस गुण पर हत्यारे के दयानिधान हत्यारोपी के पसीजे हैं आखिर ..?
अपराधियों से न्यायपालिका पुलिस और राजनीतिज्ञों का गठजोड़ समाप्त होना जरूरी है तभी अपराध नियंत्रित होगा !
– रंजन कुमार