पाकिस्तान को लेकर खोखली विदेश नीति का परिणाम है देश में आतंकवाद .. दो टूक !

जब भी भारत पाकिस्तान के बीच प्रेम की पींगे बढ़ता देखता हूँ तो मन में एक टीस उठती है जरुर .. उनका क्या कसूर था जो भारत मां की जय बोलते शहीद हो गए फिर .. उनकी विधवाओ और बच्चों का ख्याल भी मन को चीर जाता है..
War desert
मैं शांतिप्रिय हूँ पर शांति का एकतरफा प्रयास अपने सैनिकों की जान की कीमत पर .. और उसमे भी बार बार नाकाम होने पर भी फिर भरोसा .. फिर वार्ता .. फिर धोखा .. आप मानिए मा मत मानिए .. पर इसमें ही सारे  तथ्य निहित हैं जो हमारी बर्बादी के हैं .. पाकिस्तान को लेकर खोखली विदेश नीति का परिणाम है देश में आतंकवाद ..! दो टूक यही कहा जा सकता है !
 
वर्षों से जब यही हो रहा हो और हर दिन निर्दोष इसके शिकार हो रहे हों और फिर भी यही सब दुहराया जा रहा हो .. देश के दुश्मन खुले जिस मुल्क में घूम रहे हों और आप फिर फिर कर वार्ता ही करते हैं तो ऐसी कूटनीति को कायरता कहते हैं..
 
जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे उनकी सोचे कभी जब मुशर्रफ को वार्ता की मेज पर बिठा वार्ता करने चले थे आगरा समिट में तुरंत कारगिल युद्ध के बाद .. जिसने कारगिल का षड़यंत्र रचा और देश की सत्ता पर अपने अवैध कब्ज़ा किया उसे मान्यता भी अपनी सरकार ने दी नहीं थी तो कौन सी वार्ता थी फिर वो ..? 
 
पर वह वार्ता हुयी और असफल हुयी थी बातचीत .. उन शहीदों की आत्माए क्या रो नहीं रही होंगी तब या फिर अब .. जब फिर वार्ता होती है .. नतीजा नहीं निकलता .. फिर वार्ता .. फिर हमला .. फिर कुछ की शहादत..!
 
मुझे समझ नहीं आता की नेताओं का दिल होता भी है या नहीं ..? उन शहीदों को याद करो तो अपने घर में खाना खाने की इच्छा मर जाती है .. ये नेता लोग न्योता निभाते हैं .. खूब दावत उड़ा आते हैं उनके घर जाकर भी जो हमारे सैनिकों के कातिल हैं .. धोखेबाज हैं..!
 
तो फिर झूठ ही है न शहीदों के प्रति ये घडियाली आंसू भी .. ये संवेदनाएं भी .. सच्ची होती तो वहां नहीं होते..! और यह हर राजनितिक दल के नेताओं की फितरत में है पाकिस्तान परस्ती .. सच्ची भावनाएं दिखीं फ़्रांस के राष्ट्रपति की .. रूस के राष्ट्रपति की .. इजरायल के पीएम की .. वो दुश्मनों के घर दावत पाने नहीं गए .. उनपर टूट पड़े ..!!
 
शहीदों हम शर्मिंदा हैं जन गण मन हैं देश के .. क्या कर सकते हैं .. श्रद्धांजलि देने के सिवाय .. लेकिन देश के नेता सब बेशर्म हैं .. इधर श्रद्धांजलि भी .. उधर बिरयानी भी..!!
 
कोई एक तो झूठा है और मात्र दिखावा भी .. क्या .. ये बिरयानी दावत या इनकी श्रद्धांजलि आपके लिए .. मेरे देश के शहीदों .. आप सब की आत्माएं देख रहीं है नेताओं के ये कर्म भी बरसों से .. अपने बच्चो और विधवाओं की फिर होती दुर्दशा भी .. हम तो श्रद्धासुमन ही दे सकते हैं आँखे पोछ सकते हैं यादों में .. जिन्हें कुछ करना है वो फिर वार्ता करेंगे .. क्योंकि नेताओं की आँख का पानी मर जाता है सत्ता पाते ही ..!!
 
इस देश के  सत्तासीन नेताओं से देश की जनता एकमत से यही कहना चाहती है अगर वो वक्त की नब्ज सुन सकें .. आखिरी फैसला तो कर लो .. ताकि फिर कोई ऐसे शहीद न हो .. प्यार और आतंकवाद साथ साथ कैसे चल सकता है ..? पागल हुए कुत्ते का इलाज जरुरी है और पाकिस्तान वही पागल कुत्ता है अभी…!!
 
– रंजन कुमार 
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Ranjan Kumar
Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ).
Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

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