Krishna Vandana: आ इन डूबती नब्जों का सहारा बन जा

Krishna Vandana
आ इन डूबती नब्जों का सहारा बन जा
दम तोडती उम्मीदों का किनारा बन जा !

एक अंधेरी रात है ,उम्मीद नहीं अब कोई,

पथ दिखलाने को तू एक सितारा बन जा !

अब तो वफाओं पे भी ऐतबार नहीं होता है,

कहते हैं लोग मुझे तू भी आवारा बन जा !

तेरे बिन अब तो कौन रास रचाए कान्हा,

नफरतों की दुनिया में जश्ने बहारा बन जा !

देख मेरी दुनिया में  हर तरफ अँधेरे हैं ,

रौशनी मिलेगी तभी तू जो हमारा बन जा !

आ इन डूबती नब्जों का सहारा बन जा

दम तोडती उम्मीदों का किनारा बन जा !!

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