Emotional poetry : इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ – Ranjan Kumar
इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ , लड़ लोगे ..?ये…
इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ , लड़ लोगे ..?ये…
अपने सगे चाचा ने तीन साल की भतीजी के…
सत्य और न्याय के सामने बात अगर आ जाये…
खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ…
अगर इंतजार हो शिद्दत से तो कृष्ण .. आज…
सुनो जानम, मैने तुम्हें मोहब्बत में कभी चाँद का …
चौथी पुण्यतिथि ..सादर नमन ..चाचाजी (स्वर्गीय श्री रामनरेश पाठक…
राजनीति का विद्रूप चेहरा ,और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबीव्यवस्था … कर…
घर लौट चल पंछी बसेरे में हुयी अब शाम सूरज डूबता है…