Spiritual love poetry : फिर मिलेंगे सफर में कहीं अनंत के – Ranjan Kumar
दुनिया के थपेडों से घायल हो ज़िस्म फिर भी, रूह…
दुनिया के थपेडों से घायल हो ज़िस्म फिर भी, रूह…
उधार का तेल और उधार की ही बाती है…
मानवता की सेवा में गरीबों के लिए खुद को…
उसने दिल से ही पुकारा होगा … फिर दिल…
बाबा नीब करौरी जी महाराज ने आज भी,जैसा…
सटीक और सार्थक आलेख.. शायद कई बन्द आँखें खोल…
चांदनी दुष्टा , कुलच्छिनी, ये बता …. देखती…
बाबा नीब करौरी जिनको नीम करौली बाबा के नाम…
महामृत्युंजय मन्त्र इस प्रकार है – “ॐ त्रयम्बकं यजामहे…