Hindi sad poetry : अब तुम इधर के नहीं और मैं उधर का नहीं – Ranjan Kumar
इस पार और उस पार के बीच एक सेतू था…
इस पार और उस पार के बीच एक सेतू था…
शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद ?…
लघुकथा.. इधर से कोई गधा तो नही गुजरा इधर…
उजाला बाँटता सूरज अँधेरे में भी डूब सकता है…
‘रस्मी बातों में कुछ नहीं रखा तू इनमे ये…
अपना मुस्तकबिल तो रख दिया था तुम्हारी देहरी पर…
जब निकम्मों का हुक्म हुनर वालों को मानने पर …
अमेरिका और पाकिस्तान दोनों मिलकर अपने एफ 16 की…
नदी अपनी राह खुद बनाती है जंगलों पहाड़ों…