इस तरह से आप पाएंगे मन का असीम सुकून – Ranjan Kumar
कल के दिन की समाप्ति के साथ ही इस…
कल के दिन की समाप्ति के साथ ही इस…
सांप से भी ज्यादा जहरीला है आज का इंसान…
दरिया मे तैरती डूबती उतराती सी एक कश्ती हूँ…
झूठ का वहम भी अच्छा है जिन्दगी को सुकून…
तुम्हारा अक्स अश्कों में झिलमिलाता है , फिर…
दूत रामराय को , सपूत पूत पौन को ,तू…
“कबीरा खड़ा बाजार में, भूंकत स्वान हजार…!…
कुछ कौए हंस बनना चाहते थे , पर रंग…
रक्त चूषक अक्सर लिजलिजे होते हैं , सर्व सुलभ …