मेरी आँखों में मत झांक ,
हिलोरें मारता
यहाँ सच का समंदर है !
तैरने का इल्म
समंदर में
सबको नहीं होता !
जिद की तो ,
ए नादान
बेवजह डूब जाएगा !
जो थाह लेने आये हो
गहराई की ,
यत्न ये बेमतलब है !
पैमाइश ही करनी है
तो जा
किसी दरिया में उतर जा !!
– रंजन कुमार