जिन्दगी में बच सको
तो सिर्फ बचो,
अफ़सोस करने से ..
छीन लेता है चैन और सुकून
अफ़सोस ही अक्सर !
आधी जिन्दगी गुजरती है
अफ़सोस करने में ,
और आधी गुजरी
उन कर्मों में
जिसपे अफ़सोस है अब !
मुकम्मल जिन्दगी हो जाये
अगर सोच के करो ,
जो भी करो ,जब भी करो
और सोचो वह ,
जो कभी अफ़सोस न दे फिर !!
– रंजन कुमार
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– Peace Of Mind