जो जलता चिराग बरसात में हो तो ?
सोचो हम .. इक दुसरे के कुछ इतने पास में हों तो ? बेशक हजारों मीलों .. का , फासला …
सोचो हम .. इक दुसरे के कुछ इतने पास में हों तो ? बेशक हजारों मीलों .. का , फासला …
मेरे प्रकाशित काव्य संकलन अनुगूँज पुस्तक मे संकलित प्रस्तुत है ये रचना .. राम को वनवास दे ही दिया जब …
Read moreराम को वनवास दे ही दिया जब मरो पुत्र वियोग में, रोवो तड़पो चीत्कार करो !
मुंदती हुयी आँखों के चारो ओर सिमटती हुयी दुनिया, और बुझता हुआ , जिन्दगी का चिराग ! कह देना सितारों से …
चापलूसों और स्वार्थी लोगों के लिए कोई रिश्ता नही होता .. जरूरत पड़ने पर गदहे को बाप और बाप को …
मैंने अपने डॉ साहब को डॉ नही रहने दिया दद्दू बना लिया .. मरीज और डॉ के बीच का रिश्ता …
Read moreरौशनी की एक किरण – उम्मीद अभी बाकी है ! – 01 – डॉक्टर एस सी मदान
बिहार से हूँ मैं भी तो वहां की एक समस्या बताता हूँ .. लगभग हर घर मे एक दो …
ये आंधियाँ बुझा न दें जलाये थे हमने चिराग कुछ ! . अगली सुबह के आने तक रखना संभाल कर …
Read moreये आंधियाँ बुझा न दें जलाये थें हमने जो चिराग कुछ !
अब किसी साथ का वादा न कर ऐतबार नहीं होता है, . कहते हैं ऐतबार को ऐतबार ही छला करता …
ये कतरा कतरा जीवन जो भी जिया उन्हें सार्वजानिक कर दूँ ? कम से कम उन हिस्सों को जिनमें तुम थे तेरी बातें …
Read moreKatra Katra Jeevan – Hindi Poetry on Life by Ranjan Kumar