देश काल की तात्कालिक परिस्थितियां हमेशा महामानवों के विरुद्ध ही क्यों

विवेकानंद जैसे युगपुरुष ने इतनी छोटी उम्र में ही …
विवेकानंद जैसे युगपुरुष ने इतनी छोटी उम्र में ही …
सब गुजरते लम्हों को , संभाल कर रखना !…
दुआ के सिवा क्या दूँ ? और कुछ भी …
Ranjan Kumar classic poetry about reality of life and…
विवेकानंद- आज जीवन इतना जटिल क्यों हो गया है? …
जब भी मिलते हैं सहज नहीं रहते वो ..…
लरजती होठों की जुबानी आज सब कहानी कह दो…
हरसिंगार के फूलों के जैसे बिखरे मिले बहुत से महमहाते पुराने…
वक़्त के ऊपर मत फोड़ो, अपनी नाकामिओं के ये…