Poetry

lost boy

Spiritual love poetry : फिर मिलेंगे सफर में कहीं अनंत के – Ranjan Kumar

दुनिया के थपेडों से घायल हो ज़िस्म फिर भी, रूह की पाकीजगी को यूँ नूर से रौशन रखना ! रूह …

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