Category Poetry

तुम मेरी प्यास बुझाने के लिए तृप्ति की बूंदें बन के मिलना मुझसे, बार बार हरबार हजारों बार

तुम मेरी प्यास बुझाने के लिएतृप्ति की बूंदें बन के मिलना मुझसे,बार बार हरबार हजारों बार …मेरी चेतना को जब जब नींद आ जाएमेरे हर एक नींद मेंतुम ही मेरा ख्वाब बननाऔर जब नींद मुकम्मल होऔर मेरी चेतना जाग्रत होतो…

बढ़ता जाता है जितना ही यह अँधियारा – Hindi Poetry

बढ़ता जाता हैजितना ही यह अँधियारा,सपने प्रकाश केउतने ही मुझको आते हैं!सूरज का चकाचौंध भीदेखो बढ़ा जा रहा,कहता है मन का विश्वाससुबह वो आयी देखो!गहन अंधकार का मतलबसूरज का आना ही होता है,कहते तो थे बाबा कभी कहानीजो कहते थे…