हर उम्मीद का अंत है मिलन – Ranjan Kumar
नदी के दो किनारे ..जो कभी नही मिलतेबस साथ साथ चलते हैएक निश्चित दूरीबनाये रख आपस मे ! समानांतर चलते हैं जबतकतबतक ही अस्तित्व है नदी का…उनका मिलनसर्वनाश का कारक होगानदी के लिए भीऔर किनारे बसते वहां केजीवन के लिए…