Category Poetry

हर उम्मीद का अंत है मिलन – Ranjan Kumar

नदी के दो किनारे ..जो कभी नही मिलतेबस साथ साथ चलते हैएक निश्चित दूरीबनाये रख आपस मे ! समानांतर चलते हैं जबतकतबतक ही अस्तित्व है नदी का…उनका मिलनसर्वनाश का कारक होगानदी के लिए भीऔर किनारे बसते वहां केजीवन के लिए…

मोहब्बत और फिक्र का एक अंदाज यह भी तो है

दिल मे आता है पूछ लूंइन उदास आँखों मेतैरती , पसरी सीऔर लबों परदशकों से बिखरीखामोशियों का सबब,लेकिन डरता हूँमेरी ये हिमाकततेरी इस नैसर्गिकसुंदरता को सदा के लिएकहीं नष्ट न कर दे ..हां तुम उदासी मे घिरीसौंदर्य की एक जीवंत…