Hindi love poem: महज एहसास की बात है!

ये महज एहसास की बात है उसे कभी भी मह…
ये महज एहसास की बात है उसे कभी भी मह…
उसे रोने का हुनर आता था तो गुनाह कर के…
यादों को सिरहाने रख देता हूँ , ले जाना …
सवाल तेरे ही जब तुझसे जवाब मांगेंगे , म…
ओ पिता तर्पण तुम्हें.. चिर विश्राम करो …
फादर्स डे की सुबह सुबहअर्जुन ने पूछा कर…
कहाँ तक तलाशोगे मेरा वजूद आखिर ? . बिछड़…
वह सिर्फ सफ़र नहीं था, हमसफ़र .. युगों …
प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग…
मार्ग पर बुद्धत्व के प्रियतम गए तुम ,म…