बढ़ता जाता है जितना ही यह अँधियारा – Hindi Poetry
बढ़ता जाता हैजितना ही यह अँधियारा,सपने प्रकाश केउतने ही मुझको आते हैं!सूरज का चकाचौंध भीदेखो बढ़ा जा रहा,कहता …
बढ़ता जाता है जितना ही यह अँधियारा – Hindi Poetry Read More »
बढ़ता जाता हैजितना ही यह अँधियारा,सपने प्रकाश केउतने ही मुझको आते हैं!सूरज का चकाचौंध भीदेखो बढ़ा जा रहा,कहता …
बढ़ता जाता है जितना ही यह अँधियारा – Hindi Poetry Read More »
नदी के दो किनारे ..जो कभी नही मिलतेबस साथ साथ चलते हैएक निश्चित दूरीबनाये रख आपस मे ! …
दिल मे आता है पूछ लूंइन उदास आँखों मेतैरती , पसरी सीऔर लबों परदशकों से बिखरीखामोशियों का सबब,लेकिन …
दो पूरक आयामों में विरोधाभास नहीं होते, विरोधाभास जो नजर आता है वह अज्ञानता का घना अंधकार है, …
मेरे घर के बाहर की क्यारी में एक अमरुद का बड़ा पेड़ है जिसकी इस शाखा पर एक …
विदा मेरे नन्हें मित्र, उन्मुक्त आसमान में तेरी उड़ान के लिए Read More »
उलझन भरी राहों पर चलते चलते एकाएक जो मुड़ गए ,जो चलते थे हर कदम मेरे साथ साथ …