जब सुरमई शाम ढले,और दुनिया में शाम का वो पहला पहला दीप जले:Hindi Poem By Ranjan Kumar
सुनो जाना, हम चाहते हैं तुम धड़को, मेरे दिल की धड़कन बन के… हम चाहते हैं तुम महको, मेरी हर स्पंदन में हरसिंगार की खुशबू बन के….! तुम मेरे शब्द शब्द को अपनी उपस्थिति से महमहा दो… जीवन के अरण्य…