Poetry

साथी तुम बांध सकोगे किसी बन्धन में मुझको

साथी!तुम बांध सकोगे ?किसी बन्धन में मुझको? मैं दूर गगन का मस्तमौला पंछी…परमहंसों की जमात सेबिछड़ा एक हंस… …

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एक सच्ची बात बताऊं तुम्हें पाखंडी सिर्फ और सिर्फ एक पाखंडी होता है – Ranjan Kumar

एक सच्ची बात बताऊं तुम्हें, पाखंडी सिर्फ और सिर्फ एक पाखंडी होता है…! न इससे एक अक्षर कम …

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मैं केवल शरीर नहीं हूँ नाद हूँ आत्मा का और हस्ताक्षर हूँ काल का-Ranjan Kumar

मैं केवल शरीर नहीं हूँ, मैं बुलंद स्वर हूँ, परमात्मा का, नाद हूँ आत्मा का, और हस्ताक्षर हूँ …

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