क्या संविधान की धारा में ऐसा कोई प्रावधान है ?

जब किसी आम आदमी पर कोई आरोप लगता है…
जब किसी आम आदमी पर कोई आरोप लगता है…
मशरूफ इतना न रहूँ मौला की तेरी याद ही…
बिछड़ के उससे हमने सोचा कुछ त्याग करूँ मोहब्बत…
गुजरता हुआ ये हर लम्हा तो , फिर कभी भी …
चलो तुम आंधियाँ.. खरीद ले जाओ सब खिलाफ मेरे…
सरकारें सब की सब ढकोसलावादी होती हैं मानवतावादी नहीं…
पुनपुन नदी की सूखी रेत मे चुल्लू भर…
चराग उनका अक्सर बारिशों से बचाये रक्खा है ,…
उस दिन सूरज मेरे सिरहाने आ पुकारेगा और चाँद…