Hindi Poetry : उस काले गुलाब के फूल से !

सुबह, रोशनी की पहली किरण जब पड़ीं बालकनी…
सुबह, रोशनी की पहली किरण जब पड़ीं बालकनी…
मत पूछना कभी किसी शाख पर, ठहरे ओस की…
पूरी गीता का संदेश महाभारत में सिर्फ इतना ही…
सर्द रात में यूँ ही जो,ठिठुरते तारों को देखा जब आसमान…
ख़ुशी-औ-ग़म में जहां, महसूस न हो फर्क, वो जिंदगी…
जब भी कभी, गजल में कोई चाँद को तन्हा…
अब तो अहसासों मे ही , रहता है वह…
वाह जिंदगी तेरे भी मैंने क्या खूब रंग देखे…
आशंकाओं के बादल मंडराएंगे, तो भी ये यकीन रखना…