Category Poetry

मुंदती हुयी आँखों के चारो ओर सिमटती हुयी दुनिया

army cap

मुंदती हुयी आँखों के चारो ओर सिमटती हुयी दुनिया, और बुझता हुआ  , जिन्दगी का चिराग ! कह देना सितारों से आकर ले जाएँ , कुछ अनकहे से शब्द सन्देश, मेरे उन सब अपनों के लिए , जिनकी आशाओ का केंद्र…