निष्ठुर आंधियों कभी प्रेम भी किया है?

बेचारे रूठे बादल आये भी तो साजिशन , . मनहूस आँधियो ने उन्हें भगा दिया ! . एक दो बूंद बरस भी जाते , तो हवाओं तेरा क्या बिगड़ जाता ? . क्या पता , किसी बिरहन के लिए…
बेचारे रूठे बादल आये भी तो साजिशन , . मनहूस आँधियो ने उन्हें भगा दिया ! . एक दो बूंद बरस भी जाते , तो हवाओं तेरा क्या बिगड़ जाता ? . क्या पता , किसी बिरहन के लिए…
धड़कती धड़कनों का स्पंदन, तुम्हें सब .. सुनायी देगा ! . जब खुद के पैदा किये शोर से दूर हो एक सन्नाटे से गुजरोगे !! – रंजन कुमार