कब कहा था तुमने यह सफर दुरूह इतना होगा – Ranjan Kumar

कब कहा था तुमने यह सफर दुरूह इतना होगा? सरल और सहज था यह कहना कितना चलना सत्य की डगर.! जिसको सच कह दो वही बिदकता है, और सच न कहूँ तो खुद की आत्मा लहूलुहान होती है! ये गहन…
कब कहा था तुमने यह सफर दुरूह इतना होगा? सरल और सहज था यह कहना कितना चलना सत्य की डगर.! जिसको सच कह दो वही बिदकता है, और सच न कहूँ तो खुद की आत्मा लहूलुहान होती है! ये गहन…
अक्सर लोग कहते हैं प्रेम मेंराधा होना,मीरा हो जाना सरल नहीं है.. मैं कहता हूं प्रेम मेंश्री कृष्ण होना क्या सरल है ? सर्व समर्थ होते हुए भीआजीवन आत्मीय प्रेम का विछोह सहना… तड़पना पर उफ्फ तक न करनाक्या…