जबसे तुमने इन राहों से आना जाना छोड़ दिया है

Hindi Gazal by Ranjan Kumar
Parrot with a girl
जबसे तुमने इन राहों से आना जाना छोड़ दिया है ,
सच कहता हूँ कोयल ने भी गाना गाना छोड़ दिया है !
देखी हालत मेरी जबसे क्या इश्क में सहना पड़ता है ,
उस दिन से परवानो ने शम्मों पर जलना छोड़ दिया है !
कल सबब पूछने आये थे मुझसे गुमनाम परिंदे कुछ ,
तोतों ने मैंनों से कल से ही प्यार जताना छोड़ दिया है !
खफा हो तुम ये जान गयी है जिस दिन से मेरी दादी ,
हद तो ये है उसने भी दादू से बतियाना छोड़ दिया है !
इन सबकी सुधि लो तुम मेरा क्या तुम बिन रह लूँगा ,
सब लोग कहेंगे मजनू ही तो बाल कटाना छोड़ दिया है !
रंजन कुमार 
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Ranjan Kumar
Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ).
Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

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