जो आँधियों ने तिनका – तिनका घोसला बनाये रक्खा है

चराग उनका अक्सर बारिशों से बचाये रक्खा है , जिनने हमसे सिर्फ एक कारोबारी रिश्ता रक्खा है ! समझतें हों समझने वाले आँसुओं की कीमत लाख सही , अपना भी एक दायरा है, उदासियों को समझा रक्खा है! वैसे तो…
चराग उनका अक्सर बारिशों से बचाये रक्खा है , जिनने हमसे सिर्फ एक कारोबारी रिश्ता रक्खा है ! समझतें हों समझने वाले आँसुओं की कीमत लाख सही , अपना भी एक दायरा है, उदासियों को समझा रक्खा है! वैसे तो…
उस दिन सूरज मेरे सिरहाने आ पुकारेगा और चाँद पायताने मुस्कुराएगा, गोधूलि की पावन बेला मे चाँद और सूरज जब मिल रहे होंगे, मैं तब विदा लूँगा तुमसे, . सूरज के साथ बहुत दूर निकल जाऊँगा, तेरे लिए चाँद के…