मेरा यह जीवन समर्पित है सिर्फ उनके नाम

उलझन भरी राहों पर चलते चलते एकाएक जो मुड़ गए ,जो चलते थे हर कदम मेरे साथ साथ जो राहों में बिछड़ गए , मेरा यह जीवन समर्पित है सिर्फ उनके नाम ! आकाश के तारे तोड़ लाने का किया…
उलझन भरी राहों पर चलते चलते एकाएक जो मुड़ गए ,जो चलते थे हर कदम मेरे साथ साथ जो राहों में बिछड़ गए , मेरा यह जीवन समर्पित है सिर्फ उनके नाम ! आकाश के तारे तोड़ लाने का किया…
साथी!तुम बांध सकोगे ?किसी बन्धन में मुझको? मैं दूर गगन का मस्तमौला पंछी…परमहंसों की जमात सेबिछड़ा एक हंस… आवारगी में आ गया हूँभटकते तेरी दुनिया मे..तुम बाँध सकोगे,किसी बन्धन में मुझको साथी? रहने दो स्वछंद,जो मिल जाए,जितना मिल जाएप्रेम वह…