Hindi Poetry : कुछ प्यार के वादे अब भी हैं

यादों की चादर ओढ़े जब , तेरी गली से मेरा गुजर हुआ , महसूस हुआ इन राहों में , चाहत की खुशबू अब भी है ! मै जान गया ऐ नूर ए नजर , कुछ प्यार के वादे…
यादों की चादर ओढ़े जब , तेरी गली से मेरा गुजर हुआ , महसूस हुआ इन राहों में , चाहत की खुशबू अब भी है ! मै जान गया ऐ नूर ए नजर , कुछ प्यार के वादे…
चेहरे परत दर परत, उघड़ते हुये चेहरे ! सौम्य मुखौटे लगाये, अपना सच छिपाते बनावटी चेहरे ! याद रखना हरएक चेहरे के पीछे छिपे हैं अनेक चेहरे ! किसको समझोगे , किस किसको जानोगे , एक चेहरे के साथ हैं अनगिनत…