मुझको बहलाने में तुम खुद ही बिखर मत जाना

मेरे हालात सुलझाने में मुसीबत में घिर मत जाना ! मुझको बहलाने में तुम खुद ही बिखर मत जाना !! गर्दिशों के दिन हैं मेरे तकाजा है वक़्त का सुन लो , गुस्ताखिओं पे गैरों सा तुम भी बिफर मत…
मेरे हालात सुलझाने में मुसीबत में घिर मत जाना ! मुझको बहलाने में तुम खुद ही बिखर मत जाना !! गर्दिशों के दिन हैं मेरे तकाजा है वक़्त का सुन लो , गुस्ताखिओं पे गैरों सा तुम भी बिफर मत…
सख्त खामोशिओं के पहरे में देखो आसमाँ गुनगुनाता है , ये कौन झांकता है चाँद के पीछे , कौन मुझको बुलाता है ! मुद्दतों से जिसे पुकारा , जिसकी आरजू में खाक छानी है , वो मिलने आ रहा मुझसे…