Category Poetry

Hindi Poetry: उधेड़बुन जारी है

Lots of Question Marks

मेरे प्रकाशित काव्य संकलन अनुगूँज संकलित प्रतिनिधि कविताएँ से संकलित ” उधेड़बुन जारी है ” – चश्मे के अंदर से घूरती उसकी दो दो आँखे, अपलक लगातार ..! मैं असहज होता हूँ अंदर मन मे, नाराज होता हूँ पर वह …

Hindi Poery : वह फिर चला गया फेंककर उजाला अपना

beautiful clouds

वह फिर चला गया फेंक कर सारा दिन उजाला अपना , मेरे खुद के अंधेरों ने उसे  फिर से नजरअंदाज किया ! कुछ तो कह रहा था वह मुझे  डूबते वक़्त भी धीमे धीमे , मेरे गुमान के शोर में…