Hindi Poetry- दुआ के सिवा क्या दूँ ? RANJAN KUMAR

दुआ के सिवा क्या दूँ ? और कुछ भी तो मेरे पास नहीं , रौशन हो वह राह , जब भी जहाँ से भी , तू अब गुजरे !! – रंजन कुमार
दुआ के सिवा क्या दूँ ? और कुछ भी तो मेरे पास नहीं , रौशन हो वह राह , जब भी जहाँ से भी , तू अब गुजरे !! – रंजन कुमार
Ranjan Kumar classic poetry about reality of life and blood relationship: इसे हर कोई झेलता है जो रिश्ते निभाने में लगा हो .. धूर्त रिश्तेदारों द्वारा शोषित होकर भी कहने का इसे साहस नहीं करते शरीफ लोग .. लेकिन लिखने…