Category Poetry

Hindi Poetry on life and death : ओ कवि तुम मृत्यु को भी उतनी ही तल्लीनता से गुनगुनाओ अब तो – Ranjan Kumar

life and death

सिर्फ जीवन को ही नहीं तुम मृत्यु को भी उतनी ही तल्लीनता से गुनगुनाओ अब तो … वरना शब्दों के चितेरे , और गीतकार तुम हो नहीं सकते , खुद को दिया धोखा है फिर ये हुनर तेरा ..ए कवि  अगर…