Category Poetry

Hindi poetry : पथरा गयीं आँखे इस पथ को तकते तकते – Ranjan Kumar

    पथरा गयीं आँखे  इस पथ को तकते तकते , तुम फिर नहीं आए कभी  यहाँ बरसों से !   तेरे वादों की पोटली थी  जो मेरी धरोहर है , गुम हुयी है यहीं कहीं  तलाश में अब तक…

Hindi poetry on death and life : मृत्यु है उत्सव – Ranjan Kumar

Death should be celebrated as a festival

मृत्यु है उत्सव मनाओ ठाट से, ग़मगीन होने की जरुरत है कहाँ ? बस एक बार आता है यह त्योहार सा, मौका नहीं देता है फिर एक साँस का ! जिन्दगी में  जिन्दगी को जान लो..! फिर समझ आएगा ये…