Category Poetry

Hindi love poetry : लो अब बहुत दूर हूँ तुमसे – Ranjan Kumar

old man alone walking

  लो अब बहुत दूर हूँ तुमसे, मुकम्मल  सफ़र भी हुआ चाहता है ,   वक़्त का काफिला जो चला साथ दूर कबका हुआ !   यादों की झुरमुटों के बीच कभी तेरी स्मृतियाँ , कौंध जाती हैं रह रह कर…

Hindi Poetry : मुझे लिहाज है मै मौन हूँ – Ranjan Kumar

Man standing alone

मुझे लिहाज है  मै मौन हूँ , और लोग हैं गुमान में ! नासमझ और मूर्ख जान  सब लूट रहे हैं मुझे , मै लुट रहा हूँ जानकर रिश्तों की मर्यादा रहे ! सोचता हूँ कब तक ये निभ पायेगा…