Hindi love poetry : उसने दिल से ही पुकारा होगा – Ranjan Kumar

उसने दिल से ही पुकारा होगा … फिर दिल तक उसकी आवाज क्यों नहीं आयी…? या मैं इतना व्यस्त था कि उसे सुन न सका … या फिर पुकार इतनी धीमी थी कि मुझतक आते आते .. तरंगे हीं मर…
उसने दिल से ही पुकारा होगा … फिर दिल तक उसकी आवाज क्यों नहीं आयी…? या मैं इतना व्यस्त था कि उसे सुन न सका … या फिर पुकार इतनी धीमी थी कि मुझतक आते आते .. तरंगे हीं मर…
चांदनी दुष्टा , कुलच्छिनी, ये बता …. देखती रहती है सब अपराध तू , मौन होकर .. होंठ सिलकर , पर नहीं देती गवाही सत्य की , तो फिर बता कैसे है सुंदर तू , और तेरी…