Hindi poem on life : झूठ का वहम भी अच्छा है – Ranjan Kumar

झूठ का वहम भी अच्छा है जिन्दगी को सुकून से जी लेने के लिए ! सत्य खोल देता है जब चेहरे के ऊपर का चेहरा और झाड़ पोंछ देता है परत दर परत जमी वक़्त की धूल , तब रूबरू…
झूठ का वहम भी अच्छा है जिन्दगी को सुकून से जी लेने के लिए ! सत्य खोल देता है जब चेहरे के ऊपर का चेहरा और झाड़ पोंछ देता है परत दर परत जमी वक़्त की धूल , तब रूबरू…
तुम्हारा अक्स अश्कों में झिलमिलाता है , फिर पूछता हूँ खुद से अब तक मेरे होने का सबब ? ये अँधेरे जो पसरे हैं बिन सबेरों के, इनके सूरज का बेवजह डूब जाने का सबब ? – रंजन…