Category Poetry

Hindi Love Poem : खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ है यहाँ – Ranjan Kumar

balloons in the air

    खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ है यहाँ ? नज़ारे बहके बहके हैं हवाएं महकी महकी हैं ! नया कुछ होनेवाला है मेरा दिल ये कहता है , परिंदे चहके चहके हैं घटायें बहकी बहकी हैं !…

Inspiring poetry : अप्राप्य सा कुछ भी नहीं है इस दुनिया में – Ranjan Kumar

girl alone in forest

अगर इंतजार हो शिद्दत से  तो कृष्ण .. आज भी होते हैं रुबरू ,हृदय मे वेदना हो मीरा सी  पुकार मे प्रेम का आधार तो हो ! अप्राप्य सा .. कुछ भी नहीं है इस दुनिया में , जो मिल…