Emotional love poetry : वह सिर्फ सफ़र नहीं था हमसफ़र – Ranjan Kumar

वह सिर्फ सफ़र नहीं था, हमसफ़र .. युगों की थी दास्ताँ अपनी ..! जिनके बीच की राहें और चौराहे ,अब दस्तावेज हैं आनेवाले कल के लिए ..! तुम थे , मैं था , फिर हम थे .. और अब, न तुम…
वह सिर्फ सफ़र नहीं था, हमसफ़र .. युगों की थी दास्ताँ अपनी ..! जिनके बीच की राहें और चौराहे ,अब दस्तावेज हैं आनेवाले कल के लिए ..! तुम थे , मैं था , फिर हम थे .. और अब, न तुम…
प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग जैसा .. निरंतर प्रवाहित है जो समान तरंगदैर्ध्य से , सदृश तरंग दैर्ध्य के बीच , और अलौकिकता की भावना से ओतप्रोत अगर ये आलोकित है, और निस्वार्थ तरंगों में प्रवाहमान है अगर.. तो…