Category Poetry

तुम मरे नहीं धृतराष्ट्र जिंदा हो अब तक

तुम मरे नहीं धृतराष्ट्रजिंदा हो अब तक ! आकार मे नहींतो संस्कारों मे ,घुसे हुये हो जाने कितने ही पिताओं के विचारों मे ! जब तक एक भी ब्लात्कार की घटनाये होंगी ब्लात्कारी के पिता के संस्कारों मे ! तुम…

अब्राहम लिंकन का पत्र अपने बेटे के शिक्षक के नाम: अनुवाद स्वर्गीय श्री राजीव चतुर्वेदी

  शिक्षक दिवस विशेष.. अब्राहम लिंकन का पत्र अपने बेटे के शिक्षक के नाम अनुवाद स्वर्गीय  श्री राजीव चतुर्वेदी जी   मैं जानता हूँ और मानता हूँ कि हर व्यक्ति न तो सही ही होता है  और नहीं होता है…