ये झंकृत मन और यह झंकृत तन – Ranjan Kumar

ये झंकृत मन और यह झंकृत तन, तूने ही तो माँ मुझमें अनुनाद भरें हैं… दुर्गम है पथ पर तूने ही थाम रखा है, उस कृपा के दमपर ही तो अबतक हम भी डटे रहे हैं .. सारी प्रकृति में…
ये झंकृत मन और यह झंकृत तन, तूने ही तो माँ मुझमें अनुनाद भरें हैं… दुर्गम है पथ पर तूने ही थाम रखा है, उस कृपा के दमपर ही तो अबतक हम भी डटे रहे हैं .. सारी प्रकृति में…
The odds may not be in favor, but you’ll surely agree upon me for the facts by one forthcoming day that .. 1. Peace of mind is one of the miraculous spiritual phenomena of human life. 2. Peace of mind…