Hindi Poetry : अहसासों मे ही , रहता है वह सिमटा अक्सर ! – Ranjan Kumar

अब तो अहसासों मे ही , रहता है वह सिमटा अक्सर ! दूर हुआ फिर भी , सदा पास रहा कब बिछड़ा मुझसे ? – रंजन कुमार
अब तो अहसासों मे ही , रहता है वह सिमटा अक्सर ! दूर हुआ फिर भी , सदा पास रहा कब बिछड़ा मुझसे ? – रंजन कुमार
वाह जिंदगी तेरे भी मैंने क्या खूब रंग देखे हैं . एक जख्म भरा नहीं, की तू दूसरे के साथ तैयार खड़ी होती है! – Vvk