Hindi Poetry : मशरूफ इतना न रहूँ मौला !

मशरूफ इतना न रहूँ मौला की तेरी याद ही न आये , और खाली इतना भी न बैठूं की तेरी याद भूल जाए !! – रंजन कुमार
मशरूफ इतना न रहूँ मौला की तेरी याद ही न आये , और खाली इतना भी न बैठूं की तेरी याद भूल जाए !! – रंजन कुमार
बिछड़ के उससे हमने सोचा कुछ त्याग करूँ मोहब्बत भरे जज्बातों से जुदाई में उसके घायल हूँ इसका कुछ न कुछ तो इजहार करूँ ! उसे पत्ता गोभी नही भाती थी,मैं खूब चबाता था देख ले तो उल्टियाँ आती थी…