मन्दिर सूना सूना होगा भरी रहेगी मधुशाला – धरातल पर इस गीत के बोल जीवंत !

अनजाने में देश की अर्थव्यवस्था का बहुत नुकसान पहुंचा दिया मैंने पिछले कई सालों से यह ईमानदार स्वीकारोक्ति अब कर ही लूँ जिससे पाप कुछ कम हो जाए! एक तो मैंने खुद कभी दारू पीकर देश की अर्थव्यवस्था में कोई…