Hindi Emotional Inspiring life poetry : घर लौट चल पंछी बसेरे में – Ranjan Kumar

घर लौट चल पंछी बसेरे में हुयी अब शाम सूरज डूबता है , फिर निकलना है तुझे कल सूरज से पहले और फिर से दाने ढूँढना है ! क्रम रोज का यह अनवरत चलता रहेगा , सोच ले यह भी की तू खुद…