Category Jindagi

Hindi Emotional Inspiring life poetry : घर लौट चल पंछी बसेरे में – Ranjan Kumar

flying bird

घर लौट चल पंछी बसेरे में हुयी अब शाम सूरज डूबता है , फिर निकलना है  तुझे कल सूरज से पहले और फिर से दाने ढूँढना है ! क्रम रोज का यह अनवरत चलता रहेगा , सोच ले यह भी की तू खुद…

इस तरह से आप पाएंगे मन का असीम सुकून – Ranjan Kumar

plant in hand

कल के दिन की समाप्ति के साथ ही इस वर्ष के कैलेंडर का एक और पन्ना वक़्त की गर्त में दब गया..एक और महीना समाप्त..! क्या खास किया इसका कभी हिसाब करके देखिये, एक बड़ा सा शून्य..सामने होगा..! सोचा बहुत कुछ…