महाराष्ट्र की राजनीति और बीजेपी की भूमिका : नैतिक या अनैतिक

हरियाणा में सरकार बनाने के लिए दुष्यंत के सजायाफ्ता पिता को फरलो देना पड़ता है,

महाराष्ट्र में अजित पवार को क्लीन चिट देनी पड़ती है, गजब का जीरो टॉलरेंस हैं भ्रष्टाचार पर आपका हुजूर ..

नजर नहीं आ रहा अगर तो वक्त एक दिन सत्ता मद का आपका भी अहंकार वैसे ही तोड़ेगा जैसे कोंग्रेस का तोड़ दिया ..आप भी उसी राह पर हैं जिस राहपर कोंग्रेस चलती रही है..!

यह खेल जो संवैधानिक संस्थाओं के साथ खेल रहे हैं यह बहुत छिछोरी राजनीति में आती है ..!

पूरे देश मे जनमत मिला इतना बड़ा ..ये खेल खेलकर खुद को बहुत नीचे गिरा लिए हैं!

समझ लेकिन शायद आएगा नहीं अभी ..वक्त आपको भी समझाएगा एकदिन.. और आपको कोंग्रेस की तरह उतने साल जनता बख्शेगी भी नहीं क्योंकि जनता जागरूक हो चुकी है!

अटल जी आडवाणी जी और जोशी जी ने इस दल को अपने खून से सींचकर बड़ा किया है.. आप येन केन प्रकारेण सत्ता बटोरने में लगे हैं.. आज आपको हित दिखता होगा अपना इसमे,पर यह भविष्य के लिए बहुत नुकसान दायक है!

मन की बात केवल करिये ही नहीं लोगो क जन गण मन के मन की बात भी कभी सुनना सीखिए ..

ये देश कराह रहा है आपके कई निर्णयों से,और आप विकास का ढोल पीट पीट कान में तेल डाल के सत्ता बटोरने में लगे हैं केवल!

राजस्थान छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश में आपको आपका किला ढहता नही दिखा शायद, तीनो राज्यों से आपकी सत्ता गयी!

लोकसभा चुनाव में जनता के पास राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प मौजूद नहीं था कोई तो फिर आपको चुना गया..

5 साल की सत्ता हरियाणा में चलाकर भी आपकी खट्टर सरकार स्पष्ट विश्वास जनता का नही जीत पायी! महाराष्ट्र में जीतने के बाद भी आप अपने गठबंधन के साझीदार दल को साथ नही रख पाए जो तीस सालों से आपका सहयोगी दल था! किसी भी तरह मनाकर सरकार बनाना उसके साथ वक्त की जरूरत थी, जो दोनों दल नही कर पाए!

अब अगर आपके पास स्प्ष्ट बहुमत नही है तो बेमेल गठबंधम को शपथ ले लेने देते, इतने डिफरेंसेज पैदा हो जाते की खुद सरकार गिर जाती 6 महीने में! आप रात में राष्ट्रपति हटाकर एक अनैतिक खेल में लग गए क्योंकि आपको ये हार नही पच रही थी अपनी ??

दरअसल आपकी हार वह नहीं थी, वही जीत थी आपकी..पर अब जो करते जा रहे हैं आप कानूनन जायज है कि नहीं सुप्रीम कोर्ट में है मामला यह कि राज्यपाल ने गलत किया या सही किया, जिसपर सुप्रीम कोर्ट भी टिप्पणी करने से अभी परहेज किया है!

कल फ्लोर टेस्ट में आप जीत गए तो भी आपकी नैतिक हार हो चुकी है, और अगर कल फ्लोर टेस्ट हारते हैं तो इससे बुरा और कुछ नही हो सकता!

नैतिकता और राजनीतिक शुचिता की दुहाई आप भी अब देने के लायक नहीं रहे.. महाराष्ट्र के खेल में आप पूरी तरह अनैतिक साबित हुए.!

रंजन कुमार

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Ranjan Kumar
Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ).
Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

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