Emotional poetry : इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ – Ranjan Kumar
इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ , लड़ लोगे ..?ये लड़ाई …
इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ , लड़ लोगे ..?ये लड़ाई …
खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ है…
अगर इंतजार हो शिद्दत से तो कृष्ण .. आज भी…
सुनो जानम, मैने तुम्हें मोहब्बत में कभी चाँद का टुकड़ा…
इस पार और उस पार के बीच एक सेतू था तेरा…
शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद ? मैं…
उजाला बाँटता सूरज अँधेरे में भी डूब सकता है यूँ…
‘रस्मी बातों में कुछ नहीं रखा तू इनमे ये वक़्त…
अपना मुस्तकबिल तो रख दिया था तुम्हारी देहरी पर ही …
जब निकम्मों का हुक्म हुनर वालों को मानने पर विवश…